उत्तर प्रदेश कांग्रेस में बड़े बदलाव की आहट सुनायी दे रही है। कांग्रेस के प्रदेश संगठन में तीन महीनों से चल रही ‘बड़ी ओवरहॉलिंग’ की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। यूपी कांग्रेस प्रभारी प्रियंका गांधी ने निर्देश पर तैयार हो रही नयी प्रदेश कमेटी पिछली कमेटी के मुकाबले 10 गुना छोटी तो होगी ही साथ ही इसमें आंदोलन से निकले कई तेजतर्रार चेहरे नजर आएंगे।
संगठन में बदलाव की प्रक्रिया में जुटे लोगों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी में युवा, जमीनी, संघर्षशील और आंदोलनधर्मी चेहरे प्रमुख भूमिका में होंगे। इस नई प्रदेश कांग्रेस कमेटी की औसत आयु 38 से 40 वर्ष की रखी जाएगी। पहली बार नई प्रदेश कमेटी में कई संघर्षशील महिला चेहरों के साथ ही काम करने वाले और दौड़ने वाले लोगों को तरजीह दी जाएगी।
भविष्य की राजनीति को देखते हुए दलित और पिछड़े वर्ग के युवा कार्यकर्ताओं और नेताओं को नेतृत्व में जगह मिलेगी।
प्रियंका गांधी के फार्मूले के मुताबिक हर जिले में एक उपाध्यक्ष महिला होगी। संगठन में होने वाले इस व्यापक बदलाव के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से सलाह मशविरा और उनकी सहमति ली गयी है।
उप्र की महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा लोकसभा चुनाव के बाद शुरू किए संगठन की ‘बड़ी ओवरहॉलिंग’ की प्रक्रिया अब लगभग अपने अंतिम चरण में पहुँच चुकी है। बस तीन से चार दिनों के भीतर ही एक नई प्रदेश कांग्रेस कमेटी का गठन और गठन की प्रक्रिया घोषित की जाएगी।
वरिष्ठ पार्टी नेताओं का कहना है कि नई प्रदेश कांग्रेस कमेटी में हर एक व्यक्ति की ठोस ज़िम्मेदारी होगी और उसके जवाबदेही तय होगी। पहले प्रदेश कमेटी की घोषणा होगी और इसके तुरंत बाद पूर्वी उत्तर प्रदेश नई जिला कमेटियों की घोषणा की जाएगी। इसी क्रम में जन-संगठनों, विभागों और प्रकोष्ठों में भी भारी बदलाव घोषित किए जाएँगे।
संगठन की ‘ओवरहॉलिंग’ की यही प्रक्रिया पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी शुरू कर दी गई है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिवों की टीम इस काम में लग गई है। लोकसभा चुनाव के तत्काल बाद ऊपर महासचिव प्रियंका गांधी ने पिछले तीन महीनों से सतत मीटिंगों का दौर जारी रखा। इस प्रक्रिया के यहत प्रियंका यूपी के हजारों कार्यकर्ताओं और नेताओं से मिलीं। एआईसीसी सचिव व कुछ चुनिंदा नेताओं की चार टीमों ने प्रियंका गांधी के निर्देश पर जून महीने से ही हर जिले का दौरा करना शुरू किया।
इन टीमों ने हर जिले में न्यूनतम 2-3 दिन रहकर मीटिंग्स और जाँच पड़ताल की। इसके अलावा एक अन्य टीम ने अनौपचारिक स्तर पर हर जिले के संगठन, कामकाज, सक्रियता और जमीनी स्थिति की जाँच पड़ताल की। संगठन बनाने की प्रक्रिया में प्रियंका गांधी पूर्वी उप्र के संगठन के हर एक जिला अध्यक्ष, हर एक शहर अध्यक्ष, हर एक प्रत्याशी, हर एक प्रभारी से मिली।
कांग्रेस प्रभारी महासचिव के टीम के एक सदस्य के मुताबिक प्रियंका गांधी पूरे उत्तर प्रदेश के सभी पूर्व अध्यक्षों, सभी पूर्व नेता विधानमंडल, सभी पूर्व मंत्रियों, सभी पूर्व सांसदों, सभी पूर्व विधायकों व वरिष्ठ नेताओं से मिली। सभी वरिष्ठ नेताओं ने एक सुर से प्रदेश कांग्रेस कमेटी को छोटा करने एवं युवा लोगों को मौका देने और संघर्षशील कार्यकर्ताओं के सामने लाने की बात कही। सभी वरिष्ठ नेताओं ने प्रियंका गांधी द्वारा प्रदेश के संगठन में किए जा रहे बदलाव और आंदोलन के मुद्दों पर सहमति ज़ाहिर की।
टीम प्रियंका का कहना है कि प्रदेश कमेटी में और जिला कमेटियों में सामाजिक संतुलन पर पूरा जोर देते हुए हर वर्ग से प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की गयी जबकि गरीब-वंचित तबक़ों से और दलित-पिछड़े-अति पिछड़े वर्ग से नेताओं-कार्यकर्ताओं का पूरा सम्मान रखा गया हैय़
प्रदेश कमेटी के बाद यही प्रक्रिया अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में चालू की गयी है।
प्रदेश कमेटी की घोषणा के बाद अब उत्तर प्रदेश में बड़े आंदोलन की रूपरेखा पर काम हो रहा है। नेताओं का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस द्वारा किसानों के मुद्दे पर बड़ा आंदोलन खड़ा करने की तैयारी शुरू करते हुए इसी साल के भीतर 1 करोड़ नई सदस्यता का लक्ष्य रखा गया है।
प्रियंका गांधी के नेतृत्व में व्यापक जन-सम्पर्क और जन-आंदोलन की तैयारी पर योजनाबद्ध ढंग से काम जारी है।