रितेश सिन्हा। आज सुबह दिल्ली से चलकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में हुए नरसंहार के पीड़ितों से मिलने और उनको न्याय दिलाने की सांत्वना देने पहुंची थी। लेकिन पीड़ितों से मिलने जा रही प्रियंका को सोनभद्र जिले की यूपी पुलिस ने अपनी हिरासत में ले लिया और उनको घटनास्थल से दूर मिर्जापुर जिले के चुनार गेस्ट हाउस ले जाकर छोड़ा। प्रियंका के साथ हिरासत में लगभग 10 लोग हैं, लेकिन कांग्रेस महासचिव सोनभद्र के उंभा गांव जाने पर अभी तक अड़ी हुई हैं। चुनार गेस्ट हाउस में प्रियंका के रहते उनके समर्थक वहां जमा हो चुके हैं और हंगामा कर रहे हैं। ये खबर अन्य प्रदेशों में जहां-जहां पहुंची है, कांग्रेसी सड़क पर उतर गए।
प्रियंका की जिद है कि वह सोनभद्र में पीड़ित परिवारों से मिले बिना अब यहां से नहीं जाएंगी। उन्होंने यह भी साफ किया कि मैं संविधान की धारा 144 का सम्मान करती हूं। मैं कानून का उल्लंघन नहीं करूंगी। मैं दो लोगों के साथ ही सही सोनभद्र के उंबा गांव में पीड़ित परिवार से मिलने जरूर जाऊंगी। भीषण गर्मी लगभग 35 डिग्री की तपिश में प्रियंका डटी हुई हैं। नीले रंग की साड़ी पहने उनका चेहरा तेज धूप से लाल हो रहा था। पसीने से तरबतर कांग्रेस महासचिव कभी मुंह का पसीना पोछतीं तो कभी केंद्र व प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाती रही।
प्रियंका के साथ विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार उर्फ लल्लू, ललितेश पति त्रिपाठी, अजय राय पूर्व विधायक सहित अन्य कांग्रेसी भी साथ हैं। प्रियंका ने प्रशासन पर कई सवाल उठाए। जब नारायणपुर पुलिस चौकी पर रोका गया तो उन्होंने एसडीएम और सीओ से सवाल किया। एसडीएम और सीओ ने उनके सवाल का जवाब दिया कि सोनभद्र में धारा-144 लागू है। इस पर कांग्रेस महासचिव ने पलटवार करते हुए कड़क अंदाज में डबटते हुए बोलीं कि मिर्जापुर में किस कानून के तहत उन्हें रोका जा रहा है। उन्हें वे आदेश की प्रति उपलब्ध कराएं।
प्रियंका के सवाल-जवाब का एसडीएम और सीओ के पास कोई जवाब नहीं था। उनके चेहरों की हवाइयां उड़ रही थी। ये दोनों अधिकारी बगले झांकते नजर आए। कांग्रेस महासचिव एक मंझे हुए राजनेता की तरह वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गईं। हमारे संवाददाता के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हम सोनभद्र में मारे गए लोगों के परिजनों से शांतिपूर्ण ढंग से मिलने जा रहे थे पर उनको ऊपर से आदेश है इसलिए हमें रोका है। उनका ऊपर वाला इशारा देश के गृहमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री को कठघरे में खड़ा करता है। प्रियंका गांधी की इस अचानक जमीनी लड़ाई में योगी और भाजपा से दो-दो हाथ करने की उनकी जिद से अध्यक्ष पद के लिए पैंतरेबाजी कर रहे कांग्रेसी भी हतप्रभ हैं, वहीं विरोधी दल भी सकते में आ गए।
अब तक प्रदेश के अन्य दल कांग्रेसियों को अपने पाले में रखकर पार्टी को हाशिए में रखने में कामयाब रहते थे। मामला अभी भी उसी धर्रे पर था। प्रदेश अध्यक्ष और अन्य नेताओं ने भी इस मसले पर कोई तवज्जो नहीं दी थी, लेकिन प्रियंका के अचानक मैदान में कूदते ही देश भर के कांग्रेसियों में हड़कंप मच गया। प्रियंका अगर इसी तर्ज पर देश के अन्य भागों में अपनी सक्रियता दिखाएंगी तो कांग्रेस अपने पूरे रंग में दिखेगी। अब तक राष्ट्रीय और प्रदेशों में कांग्रेस दूसरे दलों की सुविधा के अनुसार राजनीति करते रहे हैं। यही वजह है कि राहुल ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देते हुए ऐसे कांग्रेसियों के सामने बड़ा सियासी पत्ता फेंक दिया है जिसे पिछले दो महीने से कांग्रेसी उलट-पलट कर देख रहे हैं। राहुल ने सभी प्रदेश इकाई के अध्यक्षों और राष्ट्रीय संगठन के पद पर काबिज नेताओं पर इस्तीफा देने का दवाब बनाया हुआ है। राहुल फिलहाल देश से बाहर हैं और रविवार को वापस लौटेंगे। गोवा और कर्नाटक का नाटक अब लगभग खत्म हो चुका है।
इस बीच राष्ट्रीय जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष और यूपी की प्रभारी सदस्या अनुसुईया उइके ने बताया कि आयोग ने स्वतः सोनभद्र नरसंहार मामले में संज्ञान लेते हुए कार्रवाही को आगे बढ़ा दिया है। राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, सोनभद्र डीएम और एसपी से जवाब मांगा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि कि नंद कुमार साई की अध्यक्षता में आयोग की 5 सदस्यीय टीम 22 जुलाई को सोनभद्र का दौरा करेगी। अब तक यूपी के सभी राजनीतिक दल दम साधे खामोश थे। वहीं कांग्रेस की प्रदेश इकाई भी मौज में थी। लेकिन प्रियंका गांधी के मैदान में उतरते ही कांग्रेसी जमीनी लड़ाई के लिए उतर गए। प्रियंका जिस संजीदगी से दिल्ली में कार्यकर्त्ताओं से मिल रही हैं, उससे यह अहसास होने लगा है कि यूपी में कांग्रेस अपने बूते लड़ाई लड़ने का मन बना चुकी है।
आपको बता दें कि 17 जुलाई को सोनभद्र उंभा गांव में 112 बीघा खेत जोतने के लिए प्रधान यज्ञदत्त गुर्जर लगभग 32 ट्रैक्टरों पर लगभग 60-70 लोगों के साथ पहुंचा था। ये लोग लाठी-डंडा, भाला, बरछी, दो नाली बंदूक और राइफल से लैस थे। खेत पर पहुंचते ट्रैक्टरों से जुताई शुरू कर दी। जब ग्रामीणों ने इनका विरोध किया तो यज्ञदत्त और उनके बदमाशों ने ग्रामीणों लाठी-डंडा, भाला, बरछी, दो नाली बंदूक और राइफल से गोलियां चलानी शुरू कर दी। इस एकतरफा मुठभेड़ में 10 ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया गया और 25 से अधिक लोग घायल हुए थे।
The illegal arrest of Priyanka in Sonbhadra, UP, is disturbing. This arbitrary application of power, to prevent her from meeting families of the 10 Adivasi farmers brutally gunned down for refusing to vacate their own land, reveals the BJP Govt’s increasing insecurity in UP. pic.twitter.com/D1rty8KJVq
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 19, 2019
इस पूरे मामले में राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा है कि प्रियंका गांधी की अवैध गिरफ्तारी हुई है। यह परेशान करने वाला मामला है। प्रियंका गांधी को 10 पीड़ित आदिवासी किसानों से ना मिलने देना, यह सरासर सत्ता का दुरुपयोग है। यह साफ दर्शाता है कि बीजेपी सरकार में सुरक्षा के हालात सही नहीं हैं।
लेकिन कांग्रेसी प्रवक्ताओं के पास देश भर में हो रहे आदिवासी और दलित समुदाय के प्रति उत्पीड़न के प्रति खासी उदासीनता है। महाराष्ट्र में 18 दलित नाबालिगों के साथ कांग्रेसी नेता संलिप्त पाए गए और उनमें से एक कांग्रेसी को विधानसभा में विधानमंडल दल में दलित खड़गे द्वारा नेता बना दिया गया। दूसरे सांसद से कोई जवाबतलबी तक नहीं हुई और प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति में शामिल कर लिया गया। बिहार में भी कांग्रेसी जिलाध्यक्ष की गोलीमार कर हत्या कर दी गई, मगर जॉनी-टॉनी की तर्ज पर प्रवक्ता बने रणदीप सुरजेवाला ने टिपण्णी तक नहीं दी और मामले से खुद को अनभिज्ञ बताया।
सोनभद्र मामले के बाद महाराष्ट्र के आदिवासी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल प्रियंका गांधी से मिलकर इस पूरे मामले को उजागर करेगा। बिहार में नाबालिग लड़की से बलात्कार के मुख्य आरोपी ब्रजेश पांडे कांग्रेस में एआईसीसी सदस्य बने हुए हैं। प्रदेश अध्यक्ष के खासे करीबी सलाहकार बने हुए हैं। प्रियंका गांधी की ये लड़ाई कांग्रेसियों को जमीनी लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर कर देगी और पार्टी का खिसका जनाधार वापस लाने में कितनी कामयाब होगी, ये समय बताएगा। इस दलित किसान मजदूर की लड़ाई में देश और प्रदेश के किसान कांग्रेस गायब हैं। अलबत्ता महाराष्ट्र में अपनी नई जिम्मेदारी संभालने के बाद भी नाना पटोले के साथ चिट्ठी बेचो गैंग दिल्ली में किसानों के नाम पर अपनी दुकान को चलाते हुए नई नियुक्तियों को लेकर खासा चर्चा में हैं।
Courtesy: Blitz India News