मोदी सरकार के संभावित कैबिनेट विस्तार में जिन नए मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना है, उनमें मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय के साथ बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी और राजस्थान से भूपेंद्र यादव का नाम प्रमुख है।
जम्मू-कश्मीर पर सर्वदलीय बैठक संपन्न होने और उत्तर प्रदेश बीजेपी में जारी गतिरोध थमने के बाद एक बार फिर मोदी कैबिनेट में फेरबदल की चर्चा ने गति पकड़ ली है। सियासी गलियारे में चर्चा है कि यूपी चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल में बड़े पैमाने पर संभावित फेरबदल में 27 नए चेहरों को मौका मिल सकता है। इन नामों में ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुशील मोदी, सर्बानंद सोनोवाल, नारायण राणे और भूपेंद्र यादव का नाम प्रमुख रूप से चर्चा में है।
मोदी सरकार के संभावित कैबिनेट विस्तार में जिन नए मंत्रियों के शपथ लेने की संभावना है, उनमें मध्य प्रदेश के पूर्व कांग्रेस दिग्गज ज्योतिरादित्य सिंधिया शामिल हैं, जो अब बीजेपी में हैं। इसके अलावा बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, राजस्थान से भूपेंद्र यादव और मध्य प्रदेश से कैलाश विजयवर्गीय, जो पश्चिम बंगाल में बीजेपी के अभियान के प्रभारी थे। बीजेपी प्रवक्ता और अल्पसंख्यक चेहरा सैयद जफर इस्लाम को भी केंद्र सरकार में भूमिका मिलने की चर्चा है।
मास्टर लिस्ट में असम के पूर्व सीएम सर्बानंद सोनोवाल और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम नारायण राणे के अलावा, महाराष्ट्र के बीड से सांसद प्रीतम मुंडे और गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे का नाम भी फेरबदल उम्मीदवारों की सूची में है। उत्तर प्रदेश से बीजेपी यूपी प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह, पंकज चौधरी, वरुण गांधी और गठबंधन सहयोगी अनुप्रिया पटेल भी संभावितों में शामिल हैं।
इनके अलावा राज्यसभा सांसद अनिल जैन, ओडिशा के सांसद अश्विनी वैष्णव और बैजयंत पांडा, बंगाल के पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी भी सूची में हैं। जैन अखिल भारतीय टेनिस संघ के अध्यक्ष भी हैं। राजस्थान से मोदी सरकार में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी.पी. चौधरी, चूरू से प्रदेश के सबसे युवा सांसद राहुल कस्वां और सीकर के सांसद सुमेधानंद सरस्वती भी इन संभावितों में शामिल हैं। दिल्ली से एकमात्र प्रविष्ठि नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी हो सकती हैं।
वहीं, बिहार में महत्वपूर्ण मंथन के बीच, चिराग पासवान के खिलाफ बगावत करने वाले पशुपति पारस को एलजेपी से केंद्रीय सीट मिलने की संभावना है। उसी तरह से जेडीयू के कोटे से आर सी पी सिंह और संतोष कुमार भी इस सूची में हैं। कर्नाटक का प्रतिनिधित्व राज्यसभा सांसद राजीव चंद्रशेखर कर सकते हैं।
वहीं, गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सी.आर. पाटिल, अहमदाबाद पश्चिम सांसद किरीट सोलंकी के साथ सरकार की ओर बढ़ रहे हैं। हरियाणा से सिरसा की सांसद सुनीता दुग्गल और एक पूर्व आयकर अधिकारी भी संभावितों में शामिल हैं। अपने संसद भाषण से प्रभावित करने वाले लद्दाख के सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल पर भी विचार किया जा रहा है।
बता दें कि रामविलास पासवान और सुरेश अंगड़ी जैसे नेताओं के असामयिक निधन और अकाली दल और शिवसेना के सरकार से बाहर होने के कारण बनी कुछ रिक्तियों के कारण मोदी कैबिनेट में फेरबदल की लंबे समय से चर्चा हो रही है। यूपी में आगामी चुनाव भी फेरबदल का एक कारक है और एक मजबूत संगठनात्मक चेहरे भूपेंद्र यादव के प्रवेश के साथ सरकार में कुछ अतिरिक्त चेहरे को भी जोड़ने की जरूरत है। 2019 में पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद से यह इस तरह का पहला फेरबदल होगा।