एडीआर के अनुसार इस चरण में 156 उम्मीदवारों पर आपराधिक केस हैं। इनमें 121 पर गंभीर धाराओं में केस हैं। इनमें 6 पर हत्या का, जबकि 30 पर हत्या के प्रयास का केस है। वहीं 12 प्रत्याशियों पर महिलाओं के साथ अत्याचार के केस हैं। एक उम्मीदवार पर रेप का भी केस है।
उत्तर प्रदेश चुनाव के पहले चरण में 58 सीटों पर 10 फरवरी को मतदान होना है। पहले चरण के लिए विभिन्न पार्टियों से कुल 623 उम्मीदवार मैदान में हैं। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने इनमें से 615 उम्मीदवारों के हलफनामे की पड़ताल कर बताया है कि इनमें 25% यानी 156 उम्मीदवारों पर आपराधिक केस चल रहे हैं।
एडीआर के अनुसार पहले चरण में समाजवादी पार्टी के 75% और राष्ट्रीय लोकदल के 59% उम्मीदवार आपराधिक छवि वाले हैं। वहीं इस मामले में कड़ा मुकाबला दे रही बीजेपी के 51% उम्मीदवारों पर आपराधिक केस चल रहे हैं। वहीं इस चरण में कांग्रेस के 36%, बीएसपी के 34% और आम आदमी पार्टी के 15% उम्मीदवार दागी छवि वाले हैं।
एडीआर की पड़ताल के अनुसार इस चरण में 156 उम्मीदवारों पर आपराधिक केस चल रहे हैं। इनमें 121 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनपर गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं। वहीं, 12 प्रत्याशियों के ऊपर महिलाओं के साथ अत्याचार के मामले दर्ज हैं। इनमें से एक उम्मीदवार पर तो रेप का केस भी चल रहा है। वहीं 6 प्रत्याशियों पर हत्या का केस है, जबकि 30 ऐसे उम्मीदवार हैं जिनपर हत्या के प्रयास का आरोप है।
पहले चरण में टॉप पांच दागी प्रत्याशियों की बात करें तो इनमें मेरठ की सरधना सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अतुल प्रधान पर सबसे ज्यादा 38 मामले दर्ज हैं। इन पर दंगा भड़काने, हत्या की कोशिश, सरकारी कामकाज में बाधा डालने, घर जलाने, तोड़फोड़ करने, लूटपाट करने, शांति भंग करने जैसे गंभीर आरोप हैं।
दूसरे नंबर पर मेरठ की ही हस्तिनापुर सुरक्षित सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार योगेश वर्मा हैं। इन पर 32 आपराधिक केस दर्ज हैं। इन पर आईपीसी की 145 धाराओं में केस दर्ज हैं, जिनमें 71 गंभीर धाराएं हैं। सबसे ज्यादा 15 मामले जान से मारने की धमकी देने, 13 मामले हत्या के प्रयास के दर्ज हैं। इसके अलावा इन पर डकैती-लूट, सरकारी कामकाज में बाधा डालने, महिला के साथ अभद्रता करने और संक्रमण फैलाने का भी केस चल रहा है।
टॉप पांच दागी उम्मीदवारों में तीसरे नंबर पर मेरठ के सिवालखास से बीजेपी के उम्मीदवार मनिंदर पाल आते हैं। मनिंदर पाल पर कुल 18 मामले दर्ज हैं। इनमें आईपीसी की 36 धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। इन पर सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के 18 केस हैं। इसी तरह चौथे नंबर पर अलीगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद सलमान इम्तियाज का नाम है। इम्तियाज के खिलाफ कुल 17 केस दर्ज हैं। इम्तियाज पर धर्म, जाति और संप्रदाय के नाम पर दंगे भड़काने, सरकारी कामकाज में बाधा डालने, लूट, अपहरण और शांति भंग करने जैसे आरोप में केस दर्ज हैं।
इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर शामली के कैराना से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी नाहिद हसन आते हैं। नाहिद पर कुल 16 मामले दर्ज हैं। इन पर आईपीसी की कुल 65 धाराएं लगी हुई हैं। इनमें 23 धाराएं गंभीर हैं। नाहिद पर धोखाधड़ी, दंगा भड़काने, धर्म के नाम पर लोगों को भड़काने का आरोप, किडनैपिंग, जान से मारने की कोशिश, फर्जीवाड़ा करने जैसे आरोप लगे हैं। इनके अलावा पहले चरण में बुलंदशहर से रालोद प्रत्याशी मोहम्मद यूनुस पर दुष्कर्म का एक मामला है। यूनुस पर कुल छह मुकदमे दर्ज हैं।
पहले चरण में छह प्रत्याशियों पर हत्या का मामला चल रहा है। इनमें मेरठ के सिवालखास से आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के प्रत्याशी भूपेंद्र सिंह पर हत्या से जुड़े तीन केस दर्ज हैं। मथुरा से समाजवादीपार्टी के प्रत्याशी देवेंद्र अग्रवाल पर भी हत्या का मामला दर्ज है। इसी तरह गाजियाबाद के साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अमरपाल पर हत्या का केस दर्ज है।
इनके अलावा हापुड़ के धौलाना विधानसभा क्षेत्र से एआईएमआईएम के प्रत्याशी आरिफ पर भी हत्या का मामला चल रहा है। आरिफ पर कुल चार मुकदमे दर्ज हैं। हापुड़ के ही धौलाना सीट से जन अधिकार पार्टी के प्रत्याशी नाजिम पर हत्या का मामला दर्ज है। नाजिम पर कुल दो केस हैं। इनके अलावा गाजियाबाद की साहिबाबाद सीट से एआईएमआईएम के प्रत्याशी मनमोहन झा पर कुल दो मामले चल रहे हैं। इनमें एक हत्या का केस भी है।
बता दें कि 10 फरवरी को होने वाले यूपी चुनाव के पहले चरण में 58 में से 31 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जिन्हें संवेदनशील माना गया है। इसका अर्थ है कि यहां तीन या इससे अधिक उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।