लालू यादव ने लिखा कि जो जातीय गणना के विरोधी हैं, वे समता, मानवता, समानता विरोधी और ऊंच-नीच, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन, सामाजिक और आर्थिक भेदभाव के समर्थक हैं। लालू प्रसाद बोले कि देश की जनता जातिगत जनगणना पर बीजेपी की कुटिल चाल और चालाकी को समझ चुकी है।
बिहार में जाति आधारित गणना पर पटना उच्च न्यायालय के रोक के बाद नीतीश सरकार की इस बड़ी पहल पर सवालिया निशान लग गया है। इस बीच, हाल में लंबे समय बाद दिल्ली से पटना वापस लौटे आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने बड़ा बयान देते हुए दावा किया है कि जातीय गणना बहुसंख्यक जनता की मांग है और यह होकर रहेगा।
आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव इन दिनों पटना में हैं। दो दिन पहले वे आरजेडी के विधायकों से भी मिले थे। लालू प्रसाद ने शुक्रवार को बीजेपी पर निशाना साधते हुए अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करते हुए लिखा कि जातीय जनगणना बहुसंख्यक जनता की मांग है और यह हो कर रहेगा। उन्होंने सवाल करते हुए पूछा कि बीजेपी बहुसंख्यक पिछड़ों की गणना से डरती क्यों है?
आरजेडी अध्यक्ष ने आगे लिखा कि जो जातीय गणना के विरोधी हैं, वह समता, मानवता, समानता का विरोधी और ऊंच-नीच, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन, सामाजिक और आर्थिक भेदभाव का समर्थक है। लालू प्रसाद बोले कि देश की जनता जातिगत जनगणना पर बीजेपी की कुटिल चाल और चालाकी को समझ चुकी है।
बता दें कि बिहार सरकार द्वारा राज्य में कराई जा रही जातीय जनगणना पर गुरुवार को पटना हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। बिहार में जाति आधारित गणना का कार्य जोर-शोर से चल रहा था। पहले चरण में मकानों की गिनती हुई थी, जबकि दूसरे चरण की गिनती जारी थी। इसी महीने में यह कार्य पूरा होना था। लेकिन अब हाईकोर्ट ने इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
Source: NH