दागी उम्मीदवारों को टिकट देने के मामले में लगभग सभी दल बराबरी पर हैं। प्रमुख दलों में सपा के 52 में से 35, बसपा के 55 में से 20, बीजेपी के 53 में से 18, रालोद के 3 में से 1 प्रत्याशी, कांग्रेस के 54 में से 23 और आप के 49 में से 7 के खिलाफ आपराधिक केस हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की 55 सीटों के करीब 25 फीसदी उम्मीदवारों की आपराधिक पृष्ठभूमि है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार 586 उम्मीदवारों में से 584 के हलफनामों के विश्लेषण से पता चला है कि इनमें लगभग 147 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट देने के मामले में लगभग सभी दल बराबरी पर हैं। प्रमुख दलों में सपा के 52 में से 35, बसपा के 55 में से 20, बीजेपी के 53 में से 18, रालोद के 3 में से 1 प्रत्याशी, कांग्रेस के 54 में से 23 और आप के विश्लेषण किए गए 49 उम्मीदवारों में से 7 ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
गंभीर आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों में सपा के 52 उम्मीदवारों में से 25, बसपा के 55 उम्मीदवारों में से 15, बीजेपी के 53 उम्मीदवारों में से 11, कांग्रेस के 54 उम्मीदवारों में से 16, रालोद के 3 में से 1 उम्मीदवार और आप के 49 में से 6 उम्मीदवार शामिल हैं। इनमें से छह उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामले घोषित किए हैं और एक उम्मीदवार पर हत्या का मामला दर्ज है।
बता दें कि यूपी चुनाव के दूसरे चरण में मतदान होने वाले 55 निर्वाचन क्षेत्रों में लगभग 29 अपराधियों की मौजूदगी के कारण ये ‘रेड अलर्ट’ निर्वाचन क्षेत्र हैं। दूसरे चरण की 55 सीटों पर 14 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और नतीजे सातो चरण समाप्त होने के बाद 10 मार्च को एक साथ आएंगे।