कोरोना वायरस संकट के बीच शुक्रवार को देश के 21 विपक्षी दलों की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आह्वान पर एक बैठक हुई। इस बैठक के बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार के सामने 11 मांगे रखी हैं, जिनमें चक्रवात अम्फान को भी राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की गई।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बैठक की शुरुआत करने के साथ ही कोरोना संकट को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि, “अर्थव्यवस्था को गंभीर झटका लगा है। प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों ने बड़े पैमाने पर राजकोषीय प्रोत्साहन दिए जाने की तत्काल आवश्यकता की सलाह दी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने 12 मई को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया और फिर वित्त मंत्री अगले पांच दिनों तक उसका विवरण देती रहीं। यह देश के साथ एक क्रूर मजाक था।”
Statement of like-minded political parties. pic.twitter.com/uCpUxGfUo9
— Congress (@INCIndia) May 22, 2020
इसके बाद शाम को कांग्रेस ने सभी विपक्षी दलों की तरफ से साझा बयान जारी करते हुए 11 सूत्रीय मांगे सरकार के सामने रखीं। इस बयान में कहा गया है कि, “हम मांग करते हैं कि सरकार एक संशोधित और व्यापक पैकेज पेश करे जो अर्थव्यवस्था में मांग को प्रोत्साहित करने के लिए एक सच्चा राजकोषीय प्रोत्साहन हो। कांग्रेस ने बयान में कहा कि, “विपक्षी दल भारत के 60 प्रतिशत से अधिक लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए, हम निम्नलिखित ग्यारह मांगों को सुनने और उन पर विचार करने के लिए केंद्र सरकार से अपील करते हैं:
- आयकर दायरे से बाहर सभी परिवारों को छह महीने के लिए 7,500/- रुपए प्रति माह का डायरेक्ट कैश ट्रांसफर। 10,000/- रुपए का तुरंत भुगतान के साथ शेष पांच महीनों में समान रूप से पैसा दिया जाए
- सभी जरूरतमंद व्यक्तियों को अगले छह महीने तक हर महीने 10 किलो खाद्यान्न का मुफ्त वितरण। मनरेगा दिनों की संख्या बढ़ाकर 200 की जाए और आवश्यक बजटीय सहायता प्रदान की जाए
- सभी प्रवासी श्रमिकों को उनके मूल स्थानों के लिए मुफ्त परिवहन उपलब्ध कराया जाए। विदेशों में फंसे सभी भारतीय छात्रों और अन्य नागरिकों को बचाने के लिए तत्काल और विश्वसनीय व्यवस्था की जाए
- कोविद-19 संक्रमण और टेस्टिंग, बुनियादी ढांचे और युक्त प्रसार पर सटीक और प्रासंगिक जानकारी लोगों के सामने रखी जाए
- सभी एकपक्षीय नीतिगत निर्णयों, विशेषकर श्रम कानूनों को रद्द करने जैसे निर्णय वापस लिए जाएं
- रबी की फसल की एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर तुरंत खरीद करें और उपज को बाजार तक पहुंचाने के लिए सहायता प्रदान करें। सरकार को खरीफ की फसल की तैयारी में मदद करने के लिए किसानों को बीज, उर्वरक और अन्य इनपुट भी उपलब्ध कराने चाहिए
- महामारी का मुकाबला करने के लिए राज्य सरकारों को पर्याप्त धनराशि जारी की जाए
- स्पष्ट शब्दों में संवाद करें। केंद्र सरकार की लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति, यदि कोई हो
- संसदीय कामकाज को बहाल करना और तत्काल प्रभाव से निरीक्षण करना
- प्रचार के बजाय पुनरुद्धार और गरीबी उन्मूलन पर केंद्रित एक स्पष्ट और सार्थक आर्थिक रणनीति पेश करें। ₹20 लाख करोड़ का पैकेज और इसकी सामग्री भारत के लोगों को गुमराह करती है
- अंतर्राष्ट्रीय / घरेलू उड़ानों की अनुमति देते समय राज्य सरकारों से परामर्श करें